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पढ़ाई
१६१ लपकी कि एक कुर्ते का छोर मुट्ठी में श्रा गया। रानी चिल्लाई"पकड़ लिया" और हँसती हुई हाँफने लगी। ___ श्री हरिश्चन्द्र इस चोर-कार्य में युक्त पकड़े गए। और पकड़े जाकर वह भी निर्लज्ज हो हँसने लगे।
नौकर ने नूनी का हाथ पकड़कर कहा, "चलो, बहूजी बुलाती हैं।"
नूनी ने हाथ छुटाकर कहा, "नहीं जाते।" नौकर ने छुटा हुआ हाथ जोर से पकड़ लिया। वह मचल पड़ी, "हम नहीं जायँगे, नहीं जायेंगे!" खेल भङ्ग हो गया। मैंने ऊपर से कहा, "छोड़ दो।" नौकर छोड़कर चला गया। मैं अपनी मेज पर आ गया। "खेल फिर अवश्य प्रारम्भ हो गया होगा।" बहूजी ने पूछा, "कहाँ है ?" नौकर ने कहा, "आती नहीं"बहूजी ने कहा, “इसलिए तुझे भेजा था ? कहे, आती नहीं ?" नौकर, "बाबूजी ने मना कर दिया।" "कौन बाबूजी ?" नौकर की कुछ आवाज न आई।
"बाबूजी कौन होते हैं !-तुझसे मैंने कहा था या और किसी ने कहा था ?-चल, ला उसे।" ___ नौकर बाहर आया, और मैंने छज्जे पर पहुँचकर फिर कह दिया, "रहने दो, छोड़ दो।"