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[प्रशस्त-सूत्र
( २५ ) संघ पउमस्स भई, समण गण सहस्स पत्तस्ल
न०, ८ टीका-श्रीसघ कमल रूप है, जिसके हजारो साधु रूपी सुन्दर आदर्श और गुणकारी पत्र लगे हुए है, ऐसा कमल रूप श्रीसघ हमारे लिये कल्याण कारी हो। ऐसे श्री सघ का सदैव कल्याण ही कल्याण हो।