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जीव धड़ा
कुल नरक तियंच मनुष्य
देव
१२ संयत द्वार १ समुच्चय ययति
२ सामायिक, सूक्ष्म सपराय और
यथाख्यात चारित्र ३ छेदोपस्थापनीय और परिहार
विशुद्ध चारित्र मे ४ सयतासयत मे
५ असयति मे
५६३ | १४ | ४८ ३०३ | १६८
६ नो सयति नो असंयति,
नो सयतासयति मे १३ उपयोग द्वार
१ साकार और अनाकार उपयोग मे
५६३ | १४ | ४८ ३०३
१४ आहारक द्वार
१ आहारक मे
५६३ | १४ | ३८ ३०३ । १६८
6 र
२४ २१७ / ६६
२ अनाहरक मे १५ भाषक द्वार
१ भाषक मे
७ | १३ १०१ | ६६
6 6
२ अभाषक मे
३५ २१७ ।