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________________ ४१६ पुद्गलो का अल्पबहुत्व (४) असंख्यात , , असख्यात , , प्रदेशापेक्षा अल्पबहुत्व भी ऊपर के द्रव्यवत् । द्रव्य और प्रदेश दोनो का एक साथ अल्पबहुत्व (१) सब से कम अनन्त प्रदेशी स्कन्ध का द्रव्य, उनसे (२) अनत प्रदेशी स्कन्ध का प्रदेश अनंत गुणा " (३) परमाणु पुद्गल का द्रव्य प्रदेश ,, (४) सख्यात प्रदेशी स्कन्ध का द्रव्य सख्यात गुणा (५) , प्रदेश , (६ असख्याता, द्रव्य असख्यात गुणा , (७) , प्रदेश , क्षेत्र अपेक्षा अल्पबहुत्व (१) सब से कम एक आकाश प्रदेश अवगाह्या द्रव्य उनसे (२) सख्यात प्रदेश अवगाह्या द्रव्य संख्यात गुणा , (३) असख्यात ,, , , असख्यात " " इसी प्रकार प्रदेशो का अल्पबहुत्व समझना(१) सव से कम एक प्रदेश अवगाह्या द्रव्य और प्रदेश उनसे (२) सख्यात प्रदेश ___ सख्यात गुणा ,, (३) , , प्रदशी । (४) असख्यात , , द्रव्य अस० , प्रदेश, कालापेक्षा अल्पबहुत्व (१) सबसे कम एक समय की स्थिति के द्रव्य उनसे (२) सख्यात समय स्थिति के द्रव्य सख्यात गुणा, उनसे (३) असख्यात , , असं० ।
SR No.010342
Book TitleJainagam Stoak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Maharaj
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year2000
Total Pages603
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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