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________________ काय स्थिति १५० असती सादि सात १५१ १५२ सयतासयत १५३ नोसयत नोअसयत १५४ सामायिक चारित्र १५५ छेदोपस्थान १५६ परिहार विशुद्ध 11 १५७ सूक्ष्म सपराय १५८ यथाख्यात १५९ साकार उपयोग १६० अनाकार " ܕܕ " १६५ १६६ सिद्ध ܕܕ 31 11 १६७ भाषक १६६ अभाषक सिद्ध १६६ ससारी 33 १७० काय परत १७१ ससार परत १७२ काय अपरत " १७३ ससार १७४ नो परतापरत १७५ पर्याप्ता १७६ अपर्याप्ता अ० मु० ܕܕ 11 " ܝܕ 33 ० १ समय अन्त० १६१ आहारक छद्मस्थ २ समय न्यून १६२ केवली अन्त० १६२ अनाहारी छद्मस्थ १ समय १६४ केवली सयोगी ३ समय अयोगी ܝܝ १८ माह १ समय ܕܕ अन्त० ܙܙ ह्रस्व अक्षर o १ समय ० अन्त० अन्त० ܕ 11 ० ० अन्त० " अ. अ. आस, सा. सा. अनन्त काल (अर्धपु० ) देश न्यून क्रोड़ पूर्व सादि अनत देश न्यून क्रोड़ पूर्व " 13 अन्त० देश न्यून क्रोड पूर्व अन्त० ܼܝ असख्याता काल देशन्यून क्रोड़ पूर्व २ समय ३ समय उच्चारण काल सादि अनन्त ४१५ अन्य० सादि अनन्त अनन्त काल अस० काल ( पुढ का ) अर्ध पु० अन० काल (वन० काल ) 3 अ० अ० अ० सां सादि अनन्त प्रत्येक सो सा० अ० अन्त०
SR No.010342
Book TitleJainagam Stoak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Maharaj
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year2000
Total Pages603
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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