________________
बावन बोल
२८५
८ सलेशी के ८ भेद १ सलेशी मे-भाव ५, आत्मा ८, लब्धि ५, वीर्य ३, दृष्टि ३, दृष्टि ३, भव्य अभव्य २, दण्डक २४ पक्ष २ ।
२ कृष्ण लेश्या मे-भाव ५, आत्मा ८, लब्धि ५, वीर्य ३, दृष्टि ३, भव्य अभव्य २, दण्डक २२ (ज्योतिषी वैमानिक छोड कर) पक्ष २ ।
१ नील लेश्या में भाव ५, आत्मा ८, लब्धि ५, वीर्य ३, भव्य अभव्य २ दण्डक २२ ऊपर प्रमाणे पक्ष २ ।
कापोत लेश्या मे-भाव ५, आत्मा ८, लब्धि ५, वीर्य ३, दृष्टि ३, भव्य अभव्य २, दण्डक २२ ऊपर प्रमाण पक्ष २।
तेजोलेश्या मे-भाव ५, आत्मा ८, लब्धि ५, वीर्य ३, दृष्टि ३, भव्य अभव्य २, पक्ष २, दण्डक १८ (१३ देवता का १ मनुष्य का, तिर्यंच पचेन्द्रिय का, पृथवी, अप, वनस्पति एव १८)
६ पद्म लेश्या मे-भाव ५, आत्मा ८, लब्धि ५, वीर्य ३, दृष्टि ३, भव्य अभव्य २, दण्डक ३, वैमानिक, मनुष्य व तिर्यच एव ३ का, पक्ष २।
७ शुक्ल लेश्या मे-भाव ५, आत्मा ८, लब्धि ५, वीर्य ३, दृष्टि ३, भव्य अभव्य २, दंडक ३ ऊपर प्रमाणे, पक्ष २ ।
८ अलेशी मे-भाव ३, आत्मा ६, लब्धि ५, वीर्य १, पडित वीर्य, दृष्टि १, समकित, भव्य १, दडक १, मनुष्य का, पक्ष १ शुक्ल ।
६समकित के ७ भेद - १ समदृष्टि में-भाव ५, आत्मा ८, लब्धि ५, वीर्य :, दृष्टि १ समकित, भव्य १, दडक १६ ( पाच एकेन्द्रिय का दडक छोड़ कर ) पक्ष १ शुक्ल ।