SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ८ ) है। इसलिए हम श्रद्धेय सुनिराजो के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते है। प्रकाशन कार्य में जिन-जिन महानुभावो ने उदारता पूर्वक द्रव्य सहायता प्रदान की, उन्हे भी धन्यवाद देते है। उनकी शुभ नामावली, आभार प्रकट करते हुए इसी पुस्तक में अन्यत्र प्रकाशित कर रहे है। आशा है कि दानी सज्जन सदा इसी भॉति सस्था को अपनी ही समझते हुए इसकी हर प्रकार से सहायता करते रहेगे, और अपने द्रव्य का नित्य इसी तरह से सदुपयोग करते रहेगे।। -निवेदक लखमीचन्द तालेड़ा-अध्ययक्ष अभयराज नाहर-मन्त्री श्री जैन दिवाकर दिव्य ज्योति कार्यालय कार्तिकी पूर्णिमा, स० २०२६, व्यावर - - । 1111111mmea Alam
SR No.010342
Book TitleJainagam Stoak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Maharaj
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year2000
Total Pages603
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy