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प्रकाशक
वालचन्द्र श्रीश्रीमाल मंत्री - श्री साधुमार्गी जैन
पूज्य श्री हुक्मीचन्दजी महाराज की सम्प्रदाय का
हितेच्छु श्रावक मण्डल, रतलाम ( मालवा )
कागज और छपाई की लागत वर्तमान महायुद्ध के कारण मेंहगाई से इस पुस्तक का मूल्य आठ आने होते हैं। ल मद्रास, हाल मुकाम - कुचेरा निवासी श्रीमान् सेठ ताराचन्दजी भागचन्दजी साहब गेलड़ा ने, सर्व साधारण इस पुस्तक से लाभ उठा सकें, इस दृष्टि से भाघी लागत प्रदान करके, यह पुस्तक श्रई मूल्य - चार आने में वितरण कराई है ।