________________
( १४३ ) इस बकरे को क्यों मार रहे हो ? उन लोगों ने उत्तर दिया कि हम भूखे प्यासे हैं, इसलिए ! उस श्रावक के पास बहुत सी मिठाई वगैरा खाद्य पदार्थ भी था, और एक बड़ा छोटा था, जिसमें पक्का (गर्म ) पानी भरा हुआ था । उस श्रावक ने उन लोगों को मिठाई वग़ैरा खिलाकर तथा वह पक्का पानी पिलाकर उनकी भूख प्यास का दुःख भी मिटा दिया, तथा जो बकरा मारा जा रहा था, उसको भी बचा दिया । इस कार्य में तो गाजर, मूला या कच्चे पानी के जीवों की हिंसा नहीं हुई, इसलिए इस तरह के कार्य को तो पाप न मानोगे ? उन भूखे प्यासे लोगों का और बकरे का दुःख मिटा, यह तो पाप नहीं हुआ ? ऐसी दशा में किसी भूखे प्यासे का कष्ट मिटाने को पाप बताने के लिए गाजर, मूले और कच्चे पानी के जीवों की हिंसा को आगे रखना, लोगों को भ्रम में डालने के लिए ही रहा या और कुछ ?
(
७ )
:
तेरह-पन्थी कहते हैं, था, और वह मर रहा था। पिलायां, इसमें आग पानी के इसी से जीव को बचाना, या दुःखं पांप है ।'
कि 'किसी आदमी का पेट दुःख रहा उसका दुःख मिटाने के लिए हुक्का जीवों की कितनी हिंसा हुई ? पाते
हुए का दुःख मिटांना