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* जैनभजन प्रकास र
चतुर्थ भाग। र यह कौताव तेरापंथी आमनाय के
श्रावक जोरावरमल वयद मु. A रतनगढ़ वालेनै बनाया वा IT संग्रह करके छपाया वा ।
प्रकाशित किया। गिलने का ठिकाना ( जोरावग्मत बयद ) न० १४ मुगापट्टी बड़ाबजार का गवात्ता भैदान जोरावरमल वयद
मु. रतनगढ़
६२ काटन ष्ट्रीट पण प्रेस में भार० को. ___ टिवडेदान्ता दाग मुद्रित हुआ। सम्बत १८६७ गौतो वैसाख कृष्ण
सर्वाधिकार चित।