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________________ नंवर तीर्थका नाम. १ | अजमेर* २ अमीझरा पा र्श्वनाथ ३ | अयोध्या ८ आरा ९ / इरा + ( १८ ) ४ | अलाहाबाद : आदिनाथका दीक्षा (प्रयाग) ५ अहिक्षितजी पूजनीक होने का कारण. १३ कारकल हुआ स्थान । ६ अंतरीक्ष पा | पार्श्वनाथ स्वामीका र्श्वनाथ ७ आबूजी अतिशय क्षेत्र मशहूर मंदिर १४ कारंजा राजपूताना समोशरण वा अयोध्याकी रचना पार्श्वनाथ स्वामीका गुजरात अजमेर बड़ाली C. I. Ry. अतिशय क्षेत्र तीर्थकरोंकी जन्म- उत्तरहिन्दु- अयोध्या O. R. Ry. भूमि स्थान अलाहाबाद E. I. Ry. कल्याणक, प्रयाग बड़के नीचे । श्रीपार्श्वनाथको कमठद्वारा उपसर्ग किया १० | उदयगिरी | | ११ कचनेरा पा पार्श्वनाथ स्वामीका अतिशय क्षेत्र वनाथ १२ काकंदी उर्फ पुष्पदंत स्वामीका किष्किंधापुरी किस प्रान्तमें. जन्म स्थान गोमटेश्वर की मूर्ति ३०० चैत्यालय "" तीर्थोंकी रेलवेका नाम. 31 कौन स्टेशनसे जाना होता है. B. B & C. L. Ry. B. B. & अनला | O. R. Ry. Aonla वराड़ गुजरात CI. Ry. आरा E. I Ry. State Ry. बंगाल ३१ मंदिर पहाड़ों में पुरानी गु. हैदराबाद दौलताबाद Nizames फाएं । (दक्षिण) उड़ीसा भुवनेश्वर BN. Ry. | दक्षिण औरंगाबाद N. S. Ry. हैदरावाद पूर्व हिन्दु- नौनखार B. NW. अकोला | G.I.P.Ry. मुर्तिजापुर आबूरोड B. B. & | Ry. स्थान दक्षिण मूढ़ विदरी S. M. Ry. कनेरा वराड. अकोला या G. I. P. मुर्तिजापुर Ry.
SR No.010325
Book TitleJain Tirth Yatra Vivaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDahyabhai Shivlal
PublisherDahyabhai Shivlal
Publication Year
Total Pages77
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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