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पृष्ठ संख्या
१५२
१५७ १५७
१६१
१६२
१६३
१६४
१६७
१७०
१७१
१७२
१७२
१७२
१७४
१७८
१७८
१७६
१७६
१७६
१८२
१८५
१८८
१८६
१६३
१६४
२०३
२०४
२०५
पंक्ति
१२
१८
१६
१३
१८
'२
१३
१६
१०
१
१०
१६
४
१३
१७
AWA
१४
अशुद्ध
अकाय
उन्नीसवें पच्चख्ययी
समुद्रघात
मिक्षु
धर्मधर्म
५
परन्त
भति
प्रदेशावगाय
क्षेत्र के
वर्णा
अवतर
बिखरे
प्रण में
शुभ मन करने में संथारापयन्ना
अगाय
समाइ तेवण से
का बन्धन
वास्विक
सोरचा
२२
२१
१६
२१
२१
सभियति
१ सभियावा असभियावा
सभिया
एव
खवेऊ य पुन्नपांव
न
1
זי
शुद्ध अकाम
उन्नती सर्वे पच्चक्खाण से
समुद्घात
भिक्षु
धर्म अधर्म
परन्तु
मति
प्रदेशावगाह
क्षेत्र से
2
वर्ण
अवातर
बिखर
प्रणमे
X
संथारपयन्ना
अगाई
सयाई
तवे
में
बन्धन का
वास्तविक
सोच्चा
X
खवेऊण य पुण्णपावं
X
समियंति
समियावा असमि
यावा समिया
नोट- पृष्ठ १८५ पर पक्ति ११ में 'क्योंकि' शब्द से लेकर पंक्ति १३ में कहा है तक का पाठ अनावश्यक है ।
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