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अणुत्तरोववाइयदसा - वर्ग ३ धन्ना अनगार
जहानामए - वीणाछिड्डेइ वा वद्धीसगछिड्डेइ वा, पाभाइयतारिगाइ वा, एवामेव अच्छीण जाव सोणियत्ताए । ३७।
धन्नस्त ण अणगारस्स कन्नाण ग्रयमेयारूवे तवरूवलावण्णे होत्या, से जहानामए - मूलाछल्लियाइ वा, वालुकच्छल्लियाइ वा, कारेल्लयच्छल्लियाइ वा, एवामेव कन्नाण जाव सोणियत्ताए । धन्नस्स ण णगारस्स सीसस्स प्रयमेयारूवे तवरूवलावण्णे होत्था, से जहानामए - तरुणगलाउएइ वा, तरुणगएलालुयइ वा सिन्हालएइ वा तरुणए जाव चिट्ठइ एवामेव धन्नस्स अणगारस्स सीस सुक्कं भुक्क लुक्खं निम्मंसं श्रट्ठचम्म छिरत्ताए पन्नाय नी चेवण मंससोणियत्ताए | ३६ |
एवं सत्र्वत्थ नवर उदरभायण कन्नजीहाउट्ठा एएसि अट्ठी न भण्णइ, चम्मछिरत्ताए पन्नायइत्ति भण्णइ ।
धन्ने ण अणगारे सुक्केण भुक्खेणं पायजंघोरुणा विगयतडिकरालेण कडिकडाहेणं पिट्ठमवस्सिएण उदरभायणेण जोइज्जमाहि मुलिकडएहि अक्खमुत्तमालाड वा गणिज्जमालाइ वा गणेज्जमाणेहि पिट्टिकरंडगसंधीहि गंगात रंगभूएणं, उरकडगदेसभाएणं सुक्क सप्पसमाणाहि वाहाहि सिढिलकडाली विव चलतेहि य हत्थेहि कपणवाइओ विव वेवमाणीए सीसघडीए पव्वायवदण-कमले उभडघडामुहे उब्वुडुणयणकोसे |४१ |
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जीव जीवेण गच्छइ, जीव जीवेणं चिट्ठइ भासं भासिस्सामित्ति गिलायइ से जहानामए - इंगालसगडियाई वा, जहा खदग्रो तहा हुयासणे इव भान-रासिपलिच्छन्ने, तवेण तेएणं तवतेयसिरीए उवसोभेमाणे उवसोभेमाणे चिट्ठइ |४२ |
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