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नन्दीसूत्र - पूर्वगत
भूय, रासिद्ध, एगगुण, दुगुण, केउभूयं, पडिग्गहो, संसारपड - ग्गहो, नंदावत्त, चुयाचुयावत्तं । सेत चुयाचुयसेणिया-परिकम्मे । छ चउक्कनइयाई, सत्त तेरासियाइं । से तं परिकम्मे ( १ ) | से कि त सूत्ताइ ? सुत्ताइ बावीस पण्णत्ताइ, तंजहाउज्जसुर्य, परिणयापरिणयं, बहुभगिय, विजयचरिय, अणतरं, परपर, मासाण, संजू हूं। सभिण्ण, ग्राहव्वाय, सांवत्थियावत्तं, नदावत्त, बहुल, पुट्ठापुट्ठे, वियावत्तं एवंभूय, दुयावत्तं वत्तमाणसमभिरूढ, सव्वग्रोभद्दं, पस्सास, दुप्पडिग्गह, इच्चेइयाई बावीस मुत्ताइ छिन्नच्छ्रेयनइयाणि ससमयमुत्तपरिवाडीए, इच्चेइयाई बावीस सुत्ताइं अच्छिन्नच्छेयनइयाणि श्राजीवियसुत्तपरिवाडीए, इच्चेइयाइ बावीस सुत्ताइ तिगणइयाणि तेरासिय सुत्तपरिवाडीए, इच्चेइयाई बावीस सुत्ताइं चउक्कनइयाणि ससमयसुत्तपरिवाडीए, एवामेव सपुव्वावरेणं ग्रट्टासीई सुत्ताइं भवंतित्ति मक्खायं । सेत सुत्ताई ( २ ) |
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से कि त पुव्वगए ? पुव्वगए चउद्दसविहे पण्णत्ते, तंजहांउप्पायपुव्वं, अग्गाणीय, वीरिय ग्रत्थिनत्थिष्पवायं, नागप्पवाय, सच्चप्पवायं, ग्रायप्पवाय, कम्मप्पवाय, पच्चक्खाणप्पवाय ( पच्चखाण) विज्जाणुप्पवायं, अव पाणाऊ, किरिया विसालं, लोकविदुसार | उप्पायपुव्वस्स णं दस वत्थू, चत्तारि चूलियावत्थू, पण्णत्ता । ग्रग्गाणीयपुत्र्वस्स ण चोट्स वत्थू, दुवालस चूलियावत्थू पण्णत्ता । वीरियपुव्वस्स ण अट्ठ वत्थू टु चूलियावत्यू पण्णत्ता । श्रत्थिनत्थिप्पवायपुव्वस्स णं अट्ठारस वत्थू, दस चूलियावत्यू पण्णत्ता | नाणप्पवायपुत्रस्स णं बारस वत्थू
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