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जैन स्वाध्यायमाला
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लोगेगदेसे लोए य, भइयव्वा ते उ खेत्तनो |११| सुहमा सव्वलांगम्मि, लोग देसे य बायरा | इत्तो कालविभाग तु, तेसि वच्छ चउव्विहं । १२ । सतइ पप्प तेऽणाई, अपज्जवसियावि य । ठिइ पडुच्च साईया, सपज्जवसिया वि य | १३ | असखकालमुक्कोस, एक्क समय जहन्नय । अजीवाण य रूवीण, ठिई एसा वियाहिया | १४ | प्रणतकालमुक्कोस, एक्कं समय जहन्नय । अजीवाण य रूवीण, अंतरेयं वियाहियं । १५३ वण्णओ गधओ चेव, रसओ फास तहा । सठाण य विने, परिणामो तेसि पंचहा | १६ | वण्णओ परिणया जे उ, पंचहा ते पकित्तिया । किण्हा नीला य लोहिया, हलिद्दा सुक्किला तहा | १७| गंध परिणया जे उ, दुविहा ते वियाहिया । सुभिगंध परिणामा, दुभिगंधा तहेव य | १८ | रसश्रो परिणया जे उ, पचहा ते पकित्तिया । तित्तकडुयकसाया, अम्बिला महुरा तहा |१६| फास परिणया जे उ अट्टहा ते पकित्तिया । कक्खडा मउआ चेव, गरुया लहुया तहा | २०| सीया उण्हा य निद्धा य, तहा लुक्खा य आहिया । इय फासपरिणया एए, पुग्गला समुदाहिया | २१ | सठाणों परिणया जे उ, पचहा ते पकित्तिया । परिमण्डला य वट्टा य, तंसा चउरंसमायया । २२|
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