________________
पक्ति
.
ܝ ܐ ܗܵ > ܝ ܕ ܐ ܢ ܀ 8
mr
mr
३३०
mr
अशुद्ध २६१
उझियधम्मयं उज्झियधम्मियं २६६
अज्झयण्णस्स अज्झयणस्स
वत्तीस्सओ बत्तीसको ३१२
मतिश्रुतावघयो मतिश्रुतावधयो
जगत्स्त्रितयो जगत्रितयो ३२७ १८ परस्तात पुरस्तात् ३२८ २३
कान्तम
कानम् बद्धक्रमः
वद्धक्रमः पेष
शेप __ १८ प्रपयति
प्ररूपयति ३३५ ११ सितोऽपि
सतोऽपि ३३७
निजप्टप्ठलग्नान् निजपृष्टलग्नान् मदभ्रमीम मदभ्रभीमं
विश्रुतोऽसि विवृतोऽसि ३३६
विधेय
विधाय २१ प्राभास्वरा प्रभास्वरा ३५३ २ वलतीर बलती ३६६ १८ पलेटी लपेटी २३ वयासी
बयासी ३७६ १८ ता
तथा इस प्रकार अशुद्धियाँ रहगई है। कई अशुद्धियां दृष्टिदोप से और कई छपाई के समय होगई । इसके सिवाय कही कही मात्रा और अनुस्वार बरावर नही उठे हैं । कृपया पहले अपनी प्रति शुद्ध करके फिर स्वाध्याय करे।
टाइप सम्बन्धी असुविधा से अनेक स्थानो पर 8 के स्थान पर ट्ठ, ड्ड के स्थान पर ड्ढ किया है। वास्तव मे इन दो रूपो मे एक ही उच्चारण के सयुक्त अक्षर हैं ।
(६)
in
m
Myrmer/M
३७५