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जैन सिद्धांतसंग्रह। .(१३) चौदह कुलकर। १ प्रतिश्रुति, २ सन्मति, ३ क्षेमकर क्षेमंधर, ६ सीमकर, ६ सीमंधर, ७ विमलवाहन, ८चक्षु मान, ९ यशस्वी, १० अभिचंद्र, ११ चंद्राम, १५ मरुदेव, १३ प्रसेनजित, १४ नाभिराजा।
नोट-५८ तो यह और शलाका पुरुष इनमें चौवीस तीर्थकरोंके १८ माता पिता मिलाकर यह सर्व १६९ पुण्यपुरुष कहलाते हैं अर्थात् जितने पुण्यवान् पुरुष हुए हैं उनमें यह मुख्य गिने जाते है।
(१४) बारह प्रसिद्ध पुरुषों के नाम ।
१ नाभि, कुलकरोंमें.२ श्रेयांस, दान.३ थाहुषली, बलमें. ४ भरत, चकी.५ रामचन्द्र, पलंभ. द्रों. ६ हनुमान, कामदेवों में.७ सीता, मतियोंमें.८ रावण, मानियों में. ९ कृष्णं नारायणों में. १० महा. देव, रुद्रों में ११ भीम,योडावों में १२पार्श्वनाथ, उपसर्ग महने में प्रसिद्ध देव ।
__ तात्पर्य-कुलकरोंमें नाभिराना, दान देनेमें श्रेयांस राजा, . तप करनेमें बाहुबली एक साल तक कायोत्सर्ग खड़े रहे, भावकी शुद्धतामें भरत चक्रवर्तीको दीक्षा लेते ही केवलज्ञान हुवा; वलदेवों में रामचन्द्र, कामदेवोंमें हनुमान , सतियों में सीता मानियोंमें रावण. नारायणों में कृष्ण, रुद्रोंमें महादेव, बलवानोंमें भीम, तीर्थकरों में पार्श्वनाथ, यह पुरुष जगत्में बहुत प्रसिद्ध हुए हैं।