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जैनसिद्धांतसंग्रह
गिरनार पर्वत, अंतर-इनसे-पौने चौरासी हजार वर्ष-गए पीछे ९वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ भए
नेमिनाथ बालब्रह्मचारी भए, न 'विवाह किया न राज्यं..., . कुमार अवस्थामें ही. दीक्षा ली। . . . . ! ; ...२-पार्श्वनाथके संर्पका चिंह। __... पहला. भव. ११वां आनत स्वर्ग, जन्मनगरी, कोशीपुरी. पिताका नाम अश्वसेन, माताका नाम बामा, गर्मतिथि वैशाखं बदी २, जन्मतिथिः पौष, वदी ११, जन्म नक्षत्र विशाखा, काय ऊंची ९ हाथ: रंग हरा काचि शांलि समान, आयु सौ वर्ष दीक्षा तिथि पोष वदी ११, · दीक्षावृक्ष- धवल, केवलज्ञान तिथि चैत्र वदी ४, गंणधर १०, निर्वाणतिथि श्रावण सुदी ७, निर्वाण आसन खड्गासन, निर्वाणस्थान सम्मेदशिखर, अंतर-इनसे अढ़ाइसौ वर्ष गए पीछे २४व वर्द्धमान भए ।
पाश्वनाथ बालब्रह्मचारी भए, न विवाह किया न राज्यकुमार अवस्थामें ही दीक्षा ली। ... २४-महावीरके शेर (सिंह).का चिह्न ।
पहलाभव पुष्पोचर, जन्मनगरी :कुण्डलपुर, पिताका नाम सिद्धार्थ, माताका नाम प्रियकारिणी (त्रिशला), गर्मतिथि आषाद
सुदी. १; जन्मातिथि चैत्र सुदी १३, जन्मनक्षत्र हस्त, काय ऊंची :. ७ हाथ, रंग सुवर्ण समान पीला, आयु ७२ वर्ष, दीक्षा तिथि १४.मार्गशिर. वदी १०-दीक्षावृक्ष. शाल,...केवलज्ञान- तिथि-वैशाख - :
सुदी १०, गणधर. ११, निर्वाणतिथि कार्तिक वदी अमावास्या, निर्वाण:आसन -खगासन, निर्वाणस्थान पावापुर। ' . . . .