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प्रद्युम्न कुमार का जन्म और अपहरण
- गुरुदेव ! मैं मातृत्व के गौरव से विभूपित हूँगी या नही ? रुक्मिणी ने विशिष्ट ज्ञानी मुनि अतिमुक्त से पूछा ।
- तुम्हारे कृष्ण जैसा ही प्रतापी पुत्र होगा । - मुनिश्री ने उत्तर दिया ।
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मुनिश्री तो उठकर चले गए किन्तु रुक्मिणी और सत्यभामा मे विवाद छिड गया । रुक्मिणी कहती थी कि मुनिश्री का कथन मेंरे लिए है और सत्यभामा का आग्रह था कि 'मेरे लिए ।'
विगिप्ट ज्ञानी और अनेक लब्धियो के स्वामी मुनि अतिमुक्त रुक्मिणी के महल में पधारे थे और जिस समय रुक्मिणी ने पुत्रवती होने का प्रश्न किया था उस समय सत्यभामा और रुक्मिणी दोनो पास-पास बैठी थी । अत दोनो ने ही मुनिश्री के वचनो को अपने लिए मान लिया था ।
दोनो का विवाद चल ही रहा था कि दुर्योधन वहाँ आ गया । उनको विवादग्रस्त देखकर बोला
- मुझे भी तो बताओ कि तुम्हारे विवाद का क्या कारण है ? सत्यभामा ने कहा
- भाई मुनिश्री ने मेरे लिए भविष्यवाणी की है कि मेरे गर्भ से आर्यपुत्र जैसा ही तेजस्वी पुत्र होगा ।
- मुनिश्री के वचनो का गलत अर्थ मत लगाओ । प्रश्न मेरा था इसलिए उनका भविष्य कथन मेरे लिए ही फलदायी होगा । - रुक्मिणी ने अपनी बात कही |
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