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प्रस्तुत ग्रन्थ लेखक के विषय में
इसके साथ २ संस्कृत प्राकृत गुजराती, मराठी आदि भाषाओ पर भी आपका अच्छा अधिकार है । उपरोक्त दो ग्रन्थो के अतिरिक्त और भी कई पुस्तकों का आपने प्रकाशन किया जम्बु चरित्र वीर मति जगदेव चरित्र मुख्य तत्त्व चितामणि अध्यात्म गुण माला धर्म दर्शन शुक्ल गीताजलि नवतत्त्वादर्श भारत भूषण जगत विख्यात प्रधानाचार्य पूज्य सोहनलाल जी म० एव पंजाब केशरी प्राकाण्ड विद्वान जैनाचार्य पूज्य कांशीराम जी म० का आदर्श जीवन आदि अनेक पुस्तको का आपने अपना अमूल्य समय निकाल कर प्रतिपादन किया ।
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अखिल भारतीय समाज आपका मनोहर नाम न लेकर पंडित श्री जी के नाम से पुकारती है । पडित श्री के नाम की ख्याति इसी लिए नही कि आप केवल विद्वान हो अथवा द्विज वंश कुलोत्पन्न हैं । बल्कि विद्वता के साथ-साथ गम्भीर दार्शनिक सैद्धान्तिक तथा कठिन से कठिन विषय का भी लोक भाषा मे विवेचन करते हैं, और जैनागमो का गम्भीर ज्ञान तथा समझाने की विद्वता पूर्ण कला आप मे ही है । सरलता सहन शीलता प्रमुदित मुख शांत मूर्ति स्नेह सरल स्वभाव करुणा सिन्धु शान्ति सरोवर जैन धर्म के ज्ञाता आदि गुण आपके स्वाभाविक ही है । इस युग में आप हिन्दी सस्कृत के एक प्राकांड विद्वान् हैं ।
और इसी से ग्राप महान् हैं । आपकी सर्व श्रेष्ठ पुस्तको का जनता ने हार्दिक स्वागत किया जो हाथो हाथ बिक रही है ।
अपने जीवन में आप जो कुछ हमें प्रदान कर रहे हैं वह हमारे विचारों की पवित्रता आचरण की पावनता और आत्मा की शुद्धता के लिए प्रकाश स्तम्भ और अलोक मार्तण्ड की भाति है । आपने अपनी अमृतमयी प्रेम प्लावित जादू भरी वाणी द्वारा अनेक स्थानो पर धार्मिक एवं सामाजिक सुधार कर समाज में स्नेह की सुन्दर निर्मल एवं मंगलिक कल्याण कारी मन्दाकिनी प्रवाहित की हैं। श्राप जैसे महान् ज्योर्तिधर पर जैन समाज जितना भी अधिकाधिक गर्व करे उतना ही थोड़ा है । आप सत्य अहिंसा क्षमा शान्ति के एक साक्षात् श्रवतार हैं । आप की ओजस्वी वाणी ने जनता के समक्ष जादू का कार्य किया ।
भारत भरण जगन निशान खिला
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