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कंस वध
क्या उनकी भविष्य वाणियां सत्य सिद्ध होती हैं।" "इस में सन्देह को कोई स्थान नहीं।"
"तो फिर आप देखिये अपनी ज्योतिष विद्या से कि एवता मुनि द्वारा हमारे सम्बन्ध में की गई भविष्य वाणी का क्या फल होगा ?" हमें तो यह प्रतीत होता है कि यह मुनि लोग यू ही क्रोध में आकर कह दिया करते हैं, वरना एवता मुनि की भविष्य वाणी भी सही होनी चाहिए थी । हमें तो उस की वाणी सौलह आने असत्य प्रतीत हुई।" कस ने कहा। ___"क्या थी वह भविष्य वाणी? और कैसे आप उसे असत्य मान बैठे ?' पण्डित जन बोले । ___"एवता मुनि ने हमारी रानी पर रुष्ट हो कर कह दिया था कि देवकी का सातवां गर्भ मेरे और मेरे श्वसुर के नाश का कारण बनेगा।' अब आप ही सोचिए कि भला इस धरती पर कौन ऐसा है जो हम से लोहा ले सके । चलो खैर इसे सही भी मान लेते, तो भी अब तो उस भूठ का भण्डा फोड़ हो गया जब कि देवकी के सातवें गर्भ से पुत्र के स्थान पर कन्या ने जन्म लिया । आप देखिये.आप का ज्योतिष विज्ञान इस भविष्य वाणी के सम्बन्ध में क्या कहता है ?"
अभयदान चाहते हैं राजन् ।" नैमित्तिकों में दीन स्वर में निवेदन किया।
"निर्भय होकर कहो । कंस ने कहा ।
"राजन् । हम अपनी ओर से कुछ नहीं कहते, पण्डितों ने ज्योतिष विज्ञान बताता है कि मुनि की भविष्य वाणी अक्षरश सत्य सिद्ध होगी । अर्थात् देवकी का सातवा पुत्र आप का और जीवयशा के पिता का नाश करेगा।"
कंस को यह बात सुन कर अत्यन्त आश्चर्य हुश्रा । वह बोला___ क्या कह रहे हो, कहीं आप लोगों का मस्तक तो नहीं फिर गया । मैं कह रहा हूँ कि देवकी के गर्भ से पुत्र नहीं पुत्री उत्पन्न हुई है। फिर मुनि की वाणी सत्य कैसे हो सकती है । पहला झूठ तो यही सर्व सिद्ध है।" ___ पण्डित जन पुनः बोले-"राजन् । आप का वैरी जन्म ले चुका है।"