SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 28
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ... ४२७ ... ४३६ बलराम द्वारा रहस्योद्घाटन और मल्ल युद्ध को प्रस्थान ४२० पद्मोतर व चपक हस्तियों का वध __... ४२३ चाणूर वध, कस वध, उग्रसेन को राज्यप्राप्ति बीसवा परिच्छेदः ४३३-४५४ जरासंध द्वारा कृष्ण वध का प्रयतन ४३३ जरासध के दूत का शौरीपुर में आगमन ४३६ यादवों का शौरीपुर से प्रस्थान कोली कुवर का आक्रमण और उसकी मृत्यु ४४१ द्वारिकापुरी की स्थापना ४४३ इक्कीसवां परिच्छेदः ४४६-४७४ रुक्मणि मगल ४४६ दमघोष सुत शिशुपाल ४४७ रुक्म का हठ ४४८ शिशुपाल के साथ विवाह का निश्चय नारद जी की माया घर में ही विवाद रुक्मणि की अपूर्व सूझ ४६० ,, हरण व युद्ध ४६३ नारद ऋषि के व्यंग ४६६ सत्यभामा रुक्मणि मिलन बाईसवां परिच्छेदः ४७५-५१४ प्रद्युम्नकुमार ४७५ जन्म और बिछोह ४७७ पुण्यवान् के पगे २ निधान ४७६ प्रद्युम्न का पूर्व भव रुक्मणि का पूर्व भव ४६१ कुमार की मृत्यु का षड्यन्त्र . ४६४ कुमार को रति की प्राप्ति ४५० -४५४ ४५८ ४७० ४५२ ५६५
SR No.010301
Book TitleShukl Jain Mahabharat 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShuklchand Maharaj
PublisherKashiram Smruti Granthmala Delhi
Publication Year1958
Total Pages617
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy