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। २०५ ) इह विधि लाडू मेलस्या,घाल गिरि मिरच गूद। जिने०॥ १६ ॥ कोको' मोरा देवी मायने, लाडू की वाधनहार || जने० ॥ १७ ॥ तप सयम अजली करी, वाईम परीपह कर बांध जिने०॥८॥ सात जुलाडू निरमला, मुवरण थाल मिलाय ॥ जिने० ॥ १६ ॥ पूजाजी कीजो भाव सो, पाठ दरव नित ल्याय ।। जिने० ॥२०॥ उज्ज्वल वस्त्र पहिनल्यो, निरमल अग पखाल | जिने० ॥ २१ ॥ सुवरण झारी जल भरी, द्यो चरणो जलधार || जिने ॥ २२ ॥ केसर धमल्यो भाव से, जिनजी के चरण चढाय जिने०॥ २३ ॥ प्रप्टद्रव्य ल्याप्रो ऊजला, जिनजी की पूजा रचाय जिने.।।५४ ।। प्राम जलेबी नारगी, फल नारेल चढाय ॥ जिने० ॥ २५ ॥ रत्न जडित की भारती, मुक्ताफल की वाति ॥ जिने० ॥ २६ ॥ व्यामाजी हेलो पाडियो, मन्दिर प्रानो जजमान जिने० ॥ २७ ॥ मरद जावेना देहरा, वाजत प्रावला तूर ।। जिने । २८ ।। मरदाजी पचरग पागडी, राण्या नोरग घाट || जिने० ॥ २६ ॥ पुत्र मलाजी जादूतणा, सेया छ गढ गिरनार ॥ जिने० ॥ ३० ॥ दीवाजी' देली कामण्या, कर सोलह शृङ्गार || जिने० ॥ ३१॥ हाथाजी मेहदी राचणी, मिर केसर की खोल ॥ जिने ॥ ३२।। फोयाजी काजल घुल रह्यो, विंदली भाल गुलाल ॥ जिने०॥३३॥ माहिजी चतरया देहरा, वाहर सुरगीजी साल जिने० ।। ३४ ॥ थंभाजी थभा पूतल्या, चौसठ घूघर माल | जिने० ॥ ३५॥ प्रादिनाथजी पाटे विराजिया, हीरा कीसी ज्योति ॥जिने०॥३६॥ सामाजी वैठ्या सायवा, पाड्याजी करेला बखान जिने ॥३७॥ १ बुलावा, २ वत्ती, ३ एक प्रकार का बाजा । ४ दीपका । ५ नेत्रो मे ६ मन्दिर में थम्भो पर कपड़े की खोलिया ।