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(६४६) प्रथम श्रीसुधर्मा स्वामिनां करेला बगीयार अंग नां नाम लखीयें छैयें. १ श्रीपाचारांग सूत्र अध्ययन २५, मूल श्लोक २५००, शीलंगाचार्य कृत टीका १२०००, चूमि३००,नथा श्रीनबादुस्वामीकृत नियुक्ति नी गाथा३६७, श्लोक ४५०, नाष्य तथा लघुर ति नथी. सरवाजे श्लोक २३२५० के. ५ श्रीसूयगडांग सूत्र अध्ययन २३. पाखंम्मत
निर्दलन रूप. मूल श्लोक २१००, शीलंगाचार्य • कृत टीका १२५ तथा चूमी १0000 श्लोक जे, अने श्रीनश्बाहु स्वामिरुत नियुक्तिनी गा था २०७, श्लोक २५० , नाष्य नथी, सरवा ले श्लोक २५२०० तथा १५७३ नी शालमां आधुनिक श्रीहेमविमलसूरिये ७००० श्लोकने बाशरे दीपिका करेलीने. पण ते जूनी टीपोमां पूर्वाचार्योनी गणतीमां नथी. ३ श्रीवाणांग सूत्र.एनां दश अध्ययन जे.एना मूल श्लोक ३७७० ,तेनी टीका संवत् ११२० मां श्रीअनयदेवसूरिस्त १५२५० श्लोकनी .सर वाले १०२० श्लोक . ४ श्रीसमवायांग सूत्र. एना मूल श्लोक १६६७ ने, तेनी टीका श्रीअनयदेवसूरिकृत ३७७६ श्लोकनी जे. एनी चूमि पूर्वाचार्य कृत ४०० श्लोक ने. सरवाले ५७५३ नी संख्या थई.
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