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।। पात्रीशमा यित्रनाडुहा ।।
धन देता ने चारना, उरता रागने द्वेष । परमा धामी तेड़ने मुपमां मारे मेष । शा
॥ छत्रीशमा यित्रनाडुहा ।।
वस्तु वेया ग्य्यापियां, गाडा पोढी डींट!! साह उड़ीने तो जतां, सटे मांडी खूंट ।।१।। मेधाए। परां ने मारता, हेता घडी उडाय ।। डूडा जन मज्ञावतां पोहता नरड महाराशा धगी धगीशुं विगनता, मेला हेएारा सोर ।। प्रिया प्यारा पापना, ठ्यू कुरि छूटे शेर || ताड़ी नीर छुटारिया,आ मासामी जाय । पाप दिया लव पाछले, डोराछुड़ावे । य!!मा पूरव बयर संबंधथी, मेरे परस्पर घात शस्त्र ञटोकट मारता, इपें कसा दिला त।पा। पापी पारानी परें, मसी मलीने लय | उडावचनम्ही घएगा, पीपर मेले घायाधा।
॥ सात्रीशमा चित्रनांही ॥
घेरैया होजीना हसता पाएगी ढोल ।। परमाधामी बोलिया, घी उडावो रोल ।। ।। तया तेल उडालिने, जाएगीशेप
पार॥ पियारी लरि छांटिने, डीपर छांटे मार ॥शा सो छे पाएगी माछली, तरइड करती तेह।। लरडो सीने मेंउता, घळे त्यांरी हेह । आ परमाधामी खागथी, तेज तप्त उरेहा मरी पियारी तेहुने, छांटे बेहन खछेह ।। ४।। सावोरेबडघेरिया पापउरमहुशियारसा छांट्यो ताता तेज, उपर लगाव्योमार ॥ माय सुलगिनी सुएगे, सुगे पनि जोड अन्नर || गावे उघाडी गाजिया, साने नहिंयलगार ।। होली उत्सहनुंमूलछे, सान हीएानर थाया। जालतो खोरे रहे, पाखामुढानीलया