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________________ १४८ ४२ ] जैन परम्परा का इतिहास दुस्सम-काल-समण-संघत्थव और विचार-श्रेणी के अनुसार 'युग-प्रधान पट्टावली' और समय : (१) आचार्यों के नाम समय ( वीर निर्वाण से) १-गणधर सुधर्मा स्वामी १ से २० ६-आचार्य जम्बू स्वामी २० से ६४ ३ - आचार्य प्रभव स्वामी ६४ से ७५ ४- आचार्य शय्यभवसूरि ७५ से १८ ५---आचार्य यशोभद्रसूरि ६-आचार्य संभूतिविजय १४८ से १५६ ७-आचार्य भद्रबाहु स्वामी १५६ से १७० ८-आचार्य स्थूलभद्र १७० से २१५ -आचार्य महागिरि २१५ से २४५ १०- आचार्य सुहस्तिसूरि २४५ से २६१ ११-आचार्य गुणमुन्दरसूरि २६१ से ३३५ १२-आचार्य श्यामाचार्य ३३५ से ३७६ १३-आचार्य स्कन्दिल ३७६ से ४१४ १४---आचार्य रेवतिमित्र ४१४ से ४५० १५-~-आचार्य धर्मसूरि ४५० से ४६५ १६-आचार्य भद्रगुप्तसूरि ४६५ से ५३३ १७-आचार्य श्री गुप्तसूरि ५३३ से ५४८ १८-आचार्य वज्रस्वामी ५४८ से ५८४१६-आचार्य आर्यरक्षित ५८४ से ५६७ २०-आचार्य दुर्बलिकापुष्यमित्र ५९७ से ६१७ २१-आचार्य वज्रसेन सूरि ६१७ से ६२० २२-आचार्य नागहस्ती ६२० से ६८६ २३- आचार्य रेवतिमित्र ६८६ से ७४८ २४-आचार्य सिंहमूरि ७४८ से १२६ २५-आचार्य नागार्जुनसूरि ८२६ से १०४
SR No.010279
Book TitleJain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year
Total Pages183
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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