________________
उनको राज महल मे लाकरकिया प्रतिष्ठित उच्चासन पर।
बढकर उनसे धीर कहाँ हैजान मति गम्भीर कहाँ है।
इसी तरह क्षण लगे बीतनेसमय सुहावन लगे रीतने ।
युवा अवस्था प्राप्त हुए जवमहावीर भव-आप्त हुए जब।
सोचा नृप ने, चाह करे अबइनका शुभ्र विवाह करे अव ।
समरवीर सामन्त वही थेशुद्ध तत्त्व-विद्वान कही थे।
पुत्री उनकी पावन शुभदापुण्यवती थी नाम यशोदा।
x
X
नगर-डगर सब सजा सुहानागीतो का फिर जगा तराना।
64 / जय महावीर