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वीर ज्ञानोदय ग्रंथमाला इस चैत्यालय में १०८ अकृत्रिम जिन प्रतिमायें हैं एवं अष्टमंगल द्रव्य, तोरण, माला, कलश, ध्वज आदि महान विभूतियों से ये चैत्यालय विभूपित हैं। __ यह विजया पर्वत रजत मई है। इसी प्रकार का विजया पर्वत ऐरावत क्षेत्र में भी इसी प्रमाण वाला है।
विजया पर्वत
चौड़ाई +५० योजन →
विद्याधरों की नगरी ६०
प्राभियोग्य जाति के देवों के पुर
ऊंचाई +- २५ योजन →
६ कूट
कूट+ १ चैत्यालय
१० योजन १० योजन ५ योजन १० योजन १० योजन
अभियोग्य जाति के देवों के पुर
विद्याधरों की नगरी ५०