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जैन ज्योतिर्लोक
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जघन्य भोग भूमियों के बाल के ८ अग्र भागों का
! कम भूमियों के बाल का
१ अग्र भाग
कर्म भूमियां के बाल के ८ अग्र भागों को
१ लीख
आठ लीख का
१ जू
८ जू का
१ जव
८ जव का
१ अंगुल
इसे ही उत्सेधांगुल कहते हैं । इस उत्सेधांगुल का ५०० गुणा प्रमाणांगुल होता है।
६ उत्सेध अंगुल का १ पाद २ पाद का
१ बालिस्त २ बालिस्त ,
१ हाथ २ हाथ ,
१ रिक्कू २ रिक्कु ,
१ धनुष २००० धनुष का १ कोस ४ कोस का
१ लघु योजन ५०० योजन का १ महा योजन
२००० धनुष का १कोस है । प्रतः १ धनुष में ४ हाथ होने से