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(४१) साधु नग्न रहते हैं और इसी कारण हम अत्यन्त प्राचीन काल से दिगम्बर कहलाते हैं और इमलिये हम जैन धर्म के सबसे प्राचीन और असली अनुयायी हैं । वे यह भी कहते हैं कि तीर्थंकरों के नियमों के विरुध्द श्वेताम्बर साधु वस्त्र पहनते हैं, उनके धर्म शास्त्र प्रामाणिक नहीं हैं, उनकी उत्पत्ति दिगम्बरों से हुई है, और इसलिये वे अर्वाचीन हैं। .
दिगम्बरों के उक्त दावे झूठे हैं। ... दिगम्बरों की इन उक्त दलीलों में कुछ' भी सार नहीं है यह निम्न लिखित बातों से मालूम होगा:
(१) उपरोक्त पृष्ठों में हमने संतोषपूर्वक सिध्द करदिया है कि श्वेताम्बरो के शास्त्र सब से प्राचीन हैं। उनको महावीर के शिष्यो ने रचा था । वे परंपरा से प्रायः उसी रूप में अब तक चले आते हैं और जैन इतिहास के निर्माण के लिये उनपर सब से अधिक विश्वास किया जा सकता है । इन दलीलो के आधार से दिगम्बरों के दावे के सम्बन्ध में अधिक विवेचन करना आवश्यक नहीं रहता । हम अब उनके अन्य प्रतिवादों का उत्तर देते हैं।
(२) दिगम्बरों का कथन है कि महावीर ने मुनियों को नग्न रहने का उपदेश दिया और उस समय सभी मुनि "नम्न रहते थे। अब यह मालूम करना चाहिये कि तिथंकरों