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(१६) था । इस बात से और उन प्रमाणो से, जो कि जैन धर्म के विषय में वेदों में मिलते हैं, यह निश्वय पूर्वक सिद्ध हो जाता ..है कि वेद जो कि अति प्राचीन होने का दावा रखते हैं इन
से भी जैन धर्म वहुत पहिले ही उन्नत अवस्था में था। अतएव इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि वेदोने स्वयं जैन धर्म से कुछ बातें ग्रहण की हों। जैन धर्म संसार का सब से प्राचीन धर्म है ।
जनै धर्म संसार का सब से प्राचीन धर्म है, इस बात पर कई विद्वानों का विश्वास दिन प्रतिदिन दृढ होता जा रहा है। काशी निवासी स्वर्गीय स्वामी राममिश्र शास्त्री ने अपने एक व्याख्यान में कहा था कि जैन धर्म उतना ही प्राचीन है जितना कि यह संसार है । हम आगे चल कर यह दिखाते हैं कि उक्त पंडितजी के मत का समर्थन जैन और हिन्दुओं के धर्मशास्त्रों किस प्रकार से होता है । भगवान् ऋषभदेव मानव जाति के आदि गुरु थे।
जैन शास्त्रों के अनुसार भगवान् ऋषभदेव स्वामी मानव जाति के प्रथम जैन धर्म गुरु थे और इस बात की पुष्टि ब्राह्मणों के कई ग्रन्थों से होती है। भागवत पुराण के स्कंध ५ अध्याय ३-६ में यह लिखा है कि सृष्टि के आदि में ब्रह्मने स्वयम्भू मनु और सत्यरूपा को उत्पन्न किया । ऋपभ