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श्री वीतरागाय नमः ॥ ... जैन गीतावली ॥
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~पुनोत्पत्ति, ज्यांनार, विवाह, मुण्डन, वन्दनादि मुअवः सरों पर नियों के गाने योग्य उत्तम २ गीतों का सह.
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श्रीयुत श्रेष्ठिवर माणिकचंदजी जे०पी०
उन्बई निवासीकी मुगुत्री विदुषी मगनबाई जी की इच्छानुसार.
मूलचन्द सोधिया-गढ़ाकोटा (जिला मागर ) द्वारा संग्रहीत
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रागा मकरदारा मुद्रित प्रथमावृत्ति १०००] अन स०२४३५ म०९९.०९ [मूल्य )
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