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( २३ ) सूभद्रा चंपा वार उघाड़ायुंए ॥ १२॥ हस्ती नागपुरे पांडुरायनी कुंता नामे कामिनीए॥ पांडव माता दसे दशारनी व्हेन पतीव्रता पद्मनाए ॥ १३ ॥ शीलवती नामे शीलव्रत धारणी त्रीविधे तेहने दियेए।नाम जपंता पातक जायें, दरीसणे दुरीत नीकंदीए ॥१४॥ नीषधानगरी नलह नरौंदनी दमयन्ती तसगेहनीए । शंकट पड़ता शीयलज राख्यू त्रीभुवन कीर्ति जेहनिए ॥ अनंग अजीता जग जन पुजीता पुफचुला ने प्रभावतीए ॥ विश्व वीरख्याता कामीत दाता, सोलमी सती पद्मावतीए ॥ १६ ॥ वीरे भाखी शास्त्र साखी, उदयरतन भाखे मुदाए ॥ व्हाणु बातां जे नरभणशे, ते लेशे सुख सम्पदाए।