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________________ ( ४३ ) सेणं सेतं गुणेणं ॥ भाषार्थः-प्रश्न:-गुण अनुमान प्रमाणका क्या लक्षण है ? उत्तर:-जैसे सुवर्ण पाषाणोपरि संघर्षण करनेसे शुद्ध प्रतीत होता है अर्थात् सुवर्णकी परीक्षा कसोटीपर होती है, पुष्प गंध करके देखे जाते हैं, लवण रस करके वा मदिरा आस्वादन करके, वस्त्र स्पर्श करके निर्णय किए जाते हैं, तिसका नाम गुण अनुमान प्रमाण है, क्योंकि गुणके निर्णय होनेसे प. दार्थोंके शुद्ध वा अशुद्धका शीघ्र ही ज्ञान हो जाता है ।। अथ अवयव अनुमान प्रमाणके स्वरूपको लिखता हूं मूल ॥ सेकिंतं अवयवेणं २ महिसं सिंगणं कुक्कुडसिहायणं दत्थिविसाणेणं वाराहदाढाणं मोरंपिजेणं थासंकखुरेणं वग्धंनहेणं चमरिवालग्गेणं वानरंनंगूखणं दुप्पयमणुस्समादि चप्पयंगवमादि बहुप्पयंगोमियामादि सीहंकेसरणं वसहंकुकुहेणं महिलंवलयबाहाहिं परियारबंधेणं नडंजाणेजा महिलियं निवसणेणं सित्थेणं दोणपागं कविंचएकाएगाहाए सेतं अवयवेणं॥१॥
SR No.010234
Book TitleJain Gazal Gulchaman Bahar
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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