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________________ (१३ ) प्रश्नावली। १ त्रस किसे कहते है ? २ स्थावर किसे कहते हैं ? ३ जीव किसे कहते हैं ? सिद्ध परमात्मा की स्तुतिः तुम तरण तारण दुख निवारण, भविक जीव आराधनं । श्री नाभिनन्दन जगत वंदन, नमो सिद्ध निरंजन !! १ ॥ जगत् भूषण विगत दुपण, प्रवण प्राण निरूपकं । ध्यान रूप अनोप उपम, नमो सिद्ध निरंजन ।। २ ।। गगन मंडल मुल्लिा पदवी, सर्व उर्व निवासनं ।। ज्ञान ज्योति अनन्त राजे, नमो सिद्ध निरजनं ॥ ३ ॥ अज्ञान निद्रा विगत वेदन, दलित मोह निरायुष । नाम गोत्र निरतराय, नमो सिद्ध निरजनं ॥ ४॥ विकट क्रोधा मान योधा, माया लोभ विसर्जन । राग द्वेष विमद अंकुर, नमो सिद्ध निरंजनं ॥ ५ ॥ विमल केवल ज्ञान लोचन, ध्यान शल समीरितं । : योगीनातिगम्य रूपं, नमो सिद्ध निरजनं ॥६॥ । योग ने समोसरण मुद्रा, परिपल्यं कासन । सर्व दीसे तेज रूप, नमो सिद्ध निरंजनं ॥ ७ ॥
SR No.010234
Book TitleJain Gazal Gulchaman Bahar
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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