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विषय-सूची
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आ
प्राक्कथन
ग्रंथ और ग्रंथकार परिचय १. प्रथम अध्याय-धर्मका स्वरूप-आत्मा और परमात्मा १७-४० २. द्वितीय अध्याय-सम्यग्दर्शन
धर्मका लक्षण, सम्यग्दर्शन और उसके आठों अंगोंका तथा पच्चीस दोपोंका वर्णन, सम्यक्त्वके भेद, पंच परमेष्ठीका स्वरूप और सम्यक्त्वके माहात्म्यका वर्णन ।
४१-९१ ३. तृतीय अध्याय-सम्यग्ज्ञान
सम्यग्ज्ञान और उसके.. भेदोंका स्वरूप तथा सम्यग्ज्ञानके माहात्म्यका. वर्णन
९२-१०३ ४. चतुर्थ अध्याय-सम्यक्चारित्र... ..
सम्यक्चारित्रकी आवश्यकता, उसके भेद, हिंसाअहिंसाको व्याख्या, देश चारित्रका विस्तृत वर्णन, समाधिमरणका स्वरूप और श्रावककी ग्यारह प्रतिमाओंका वर्णन । ..
. १०४-१५२ ५. पञ्चम अध्याय-अनगार धर्म । साधु संज्ञाएँ
सकलचारित्र या अनगार धर्मका वर्णन एवं
साधुओंकी कुछ विशेष संज्ञाओंका निरूपण । १५३-१७० ६. षष्ठ अध्याय-गुणस्थान
१७१-१८७ ७. म अध्याय-जीव तत्त्व
१८८-१९५ ८. अष्टम अध्याय-अजीव तत्त्व
१९६-२०२ ६. नवम अध्याय-आस्रव तत्त्व
२०३-२१९