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साथ५॥ श्राकाशास्तिकायना पांच नेद द्र व्यथकी एक द्रव्य १ क्षेत्रथकी लोकालोकत्र माणे २ कालयकी श्रादिअंत रहित ३ नापथ की अरूपी ४ गुणथकी भाजन गण ५॥ कालना पांचनेद द्रव्यथाकी अनंता द्रव्य १ के प्रथकी लोक प्रमाणे २ कालथकी आदिअंत रहित ३ नाक्यकी अरूपी गुणथकी वर्तवा नो गुणः ५॥ पुदगलना पांच नेद दव्यथकी अनंता.द्रव्य क्षेत्रथकी लोक प्रमाण २ काल थकी आदिअंत रहित ३ नावथकी रूपी ४ःगु पथकीगलेने निले५॥ जीवना पांच नेद द्रव्यथ की अनंता द्रव्य १ दोत्रथकी पाखा लोक प्र माणे २ कालथंकी आदिअंत रहितः३ नावथ की अरूपी ? गुणथकी चेतन गुणः ५ ॥ एक वीसमें बोले राश दो जीवरास १ अजीवराहा '२॥ बावीशमें बोले श्रावकना बारे उसले पेहे ले व्रतते वस जीवनै हो मही स्थावरनी मर्यादा करे । मोटकुंफबोले नही. २ मोटकी चोरी करेनहीं.३ परस्त्रिनो त्यागकरे पोतानी. स्त्रीनी मर्यादा करे ४ परिग्रहनी मर्यादा करे।५ दिशा