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जम्बहीवे णं भंते ! दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए देवाणु प्पियाणं केवतियं काल तित्थे अणुसज्जिस्सति ?
गोयमा ! जम्बद्दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए ममं एगवीसं वाससहस्साई तित्थे अणुसिज्जस्सति ।
-~-भगवती, श० २, उ० ८।
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___ "हे भंते ! अन्हित भगवत द्वारा प्रवत्तित यह धर्म-तीर्थ इस अवसर्पिणी काल में जम्बूद्वीप के भारत देश मे कब तक चलेगा?"
"हे गौतम । मेरा धर्म तीर्थ इसी अवसर्पिणी काल मे जम्बूद्वीप के भारत देश में २१ हजार वर्ष तक चलेगा।"
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PARE
जैन-धर्म की परम्परा