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________________ यपुर 'स्व० नाथूलालजी बज ( तोपखाना वाले ) जयपुर का जन्म पौप.वि.स १९५६ मे हुआ और स्वर्गबास भाद्रपद शु० ६ विक्रम सं० २०२५ को । स्वर्गवास से पूर्व २६ फरवरी ६६ को आपने 'नो हजार रुपये की राशिका एक दानपत्र लिखकर उसके 1 ट्रस्टी श्री प० चैनसुखदासजी, श्री नाथूलालजी पोल्याका, श्री भवरलालजी पोल्याका, जैनदर्शनाचार्य, श्री भँवरलालजी न्यायतोर्थ, श्री कोकलचदजी रारा को मनोनीत किये । आपके स्वर्गवास के पश्चात् ट्रस्ट पत्र के अनुसार ४०००) रु० श्री दि० जैन मस्कृत कालेज को तथा दो हजार रुपया श्री दि० जैन औषधालय को देकर अवशिष्ट राशि साहित्य प्रकाशन के लिए सुरक्षित रखी गई। प्रस्तुत पुस्तक जैन दर्शनसार हिन्दी अनुवाद सहित इसी ट्रस्ट से छपाई गई है । साधारण गृहस्थ होते हुए भी श्री वज साहब ने उपार्जित द्रव्य का जो सदुपयोग किया वह प्रशसनीय है एवं अनुकरणीय है । 1
SR No.010218
Book TitleJain Darshansara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChainsukhdas Nyayatirth, C S Mallinathananan, M C Shastri
PublisherB L Nyayatirth
Publication Year1974
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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