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१ असंयतौ अबूती ने दीयां कांई होवै श्री भगवती सूत्र के आठ में शतक कट्ठ उपदेशे कह्यो असंयतो अबती ने सूजतो असूजतो सचित अचित च्यार प्रकार को आहार दियां एकान्त पाप होय निर्जरा नहीं होय । २ असंयतो अती जीवां को जौवणो बांछणो के मरणो बांछणो असंयतो को जीवणो वांछणो नहीं; मरणो बांऋणो नहीं, संसार समुद्र से तिरणो बांगो ते श्रीबीतरागदेव को धर्म है ।
३ कसाई नौवां ने मारे तिण वेल्यां साधु कसाई ने उपदेश देवे के नहीं देवे - अवसर देखे तो उपदेश देवै हिन्साका खोटा फल कहै ।
प्रश्न- जौवां को जीवणो बांककर उपदेश देवै के कसाई ने तारखा निमित्त उपदेश देव - उत्तर - कसाई ने तारखा निमित्त उपदेश देवै ते बीतरागको धर्म है ।
४ कोई बाड़ा में पशु जानवर दुखिया है अनें सांधु जिगा रसते जाय रह्या है तो जीवांको अनुकम्पा आणौ छोड़ के नहीं छोड़ नहीं
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