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६ कर्म छांडवा जोग के बदरवा जोग, छांडवा
जोग है ।
७ चाट कर्मा से पुन्य कितना पाप कितना ज्ञानावर्णी, दर्शयावर्णो, दर्शणावर्णी, मोहनीय, अन्त
राय, ए च्चार कर्म तो एकान्त माम है, बेदनी, नाम, गोत्र, चालु ए च्यीर का पुज्य पाप दोनू' हौं है ।
॥ लडी २० बीसमी ॥
१
धर्म जीव के अजीव जौव है ।
२ धर्म सावद्य के निरaa free
है 1
३ धर्म श्राज्ञा मांहि से बाहर श्री वितराग देवकी
याज्ञा मांहि है ।
४ धर्म चोर के साहकार साहूकार
५ धर्म रूप के चरूपी
पी है।
६
धर्म छांडवा जोग की चादग्या लोग चादरवा जोग है ।
1
७* धर्म पुन्य के माप दोनू' नहीं किन्वाय धर्म तो जौव है पुण्य पाप जीव है । ॥ लडी २१ इक्कीसभी ॥
१ अधर्म जीव दो जीव जीव के