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( १३८ )
॥ लडी १७ सतरमी ॥
१ लेखण ( कलम ) पूठो, कागद को पानों, लकड़ी को पाटो, छवमें' कोण नवमे कोण छवमें पुल, नवमे अजीव ।
२ पाचो, रजोहरण, चादर चोलपट्टी आदि भण्ड उपगरण, छवसें कोण नवमे कोण छत्रमें पुनल नवमें अजीव |
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३ धानको दाणों, छवसें कोण नवमें कोण छवमे जीव, नव जीव ।
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४ रुख ( वृक्ष ) छवमें कोगा नवमे कोण छवमें जीव, नवमें जीव ।
५ तावड़ो छायां छवमें' कोण नवमे कोण छवमें पुद्गल, नवसे अजीव ।
६ दिन रात छवमें कोगा नवमे कोण छवमें काल, नवमे अजीव |
७ श्रीसिद्ध भगवान छवसे' कोण नवमें कोण छवमें जीव, नवमें जीव मोक्ष |
|| लडी १८ अठारमी ॥
१ पुन्य और धर्म एकके दोय, दोय कि न्याय, पुन्य तो अजीव है, धर्म जीव है ।