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( ११६ ) नहीं मनसे बचनसे कायासे । ४ चौथा महाव्रत में साधुजौ सर्वथा प्रकारे मैथुन
सेवे नहीं सेवावे नहौं सेवतां प्रते भलो जाणे
नहौं मनसे बचनसे कायासे । ५ पंचमां महाव्रत में साधुजी सर्वथा प्रकारे परि
यह राखे नहीं रखोव नहौं राखतां प्रते भलो
जाणे नहीं मनसे बचनसे कायासे । २४ चौबीसमें बोले भांगा ४९ गुणचास
करण ३ तीन जोग ३ तौनसे हुवे। करण ३ तीनका नाम-करू नहीं कराऊ नहौं अनुमोदूँ, नहौं । जोग ३ तीनका नाममनसा, बायसा कायसा। मांक ११ इग्यारेको भांगा ६:एक करण एक नोगसे कहणां, करू नहीं मनसा, करू नहौं बायसा, करू नहीं कायसा, कराऊं नहीं मनसा, कराऊं नहीं बायसा, कराऊं नहीं कायसा, अनुमोटू नहीं मनसा, अनुमोटू नहौं वायसा, अनुमोदू नहीं कायसा। प्रांक १२ बागको भांगा :--