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जैनवालगुटका प्रथम भाग
१२ - वासुपूज्य के भसे का चिन्ह |
after re nafuष्ठ नामा आठवां स्वर्ग जन्म नगरी चंपापुरी पिताका नाम वासु माताका नाम विजया ( जयवतीदेवी) काय ऊंची ७० धनुष रंग केसू के फूल समान आरक्त (सुरख) आयु ७२ लाख वर्ष दीक्षा वृक्ष पाटल गणधर ६६ निर्वाण आसन खड्गासन, निर्वाण स्थान चम्पापुरीका वन अन्तर इनसे ३० सागरगए पीछे विमल नाथ भए । वासुपूज्य बालब्रह्मचारी भए न विवाह किया न राज्य किया कुमार अवस्था में ही दीक्षा ली ||
१३ - विमलनाथ के सूवर का चिन्ह ।
पहिला भव शुक्रनामा ९ वां स्वर्ग जन्म नगरी कपिला पिता का नाम कृतवर्मा माता का नाम सुग्म्या (जयमामा देवी काय ऊंची ६० धनुष रंग स्वर्णसमान पीला आयु ६० लाख वर्ष दीक्षा वृक्ष जम्बू (आमन) गणधर ५५ निर्वाण आसन खड़गासन निर्वाणस्थान . सम्मेद शिखर, अंतर इन से ९ सागर गए पीछे अनंतनाथ भए ।
१४- अनंतनाथ के सेही का चिन्ह |
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पहिला भव सहस्रार नामा १२वां स्वर्ग जन्म नगरी अयोध्या पिता का नाम सिंहसेन माताका नाम सर्वयशा (जय श्यामादेवी) काय ऊंची ५० धनुष रंग स्वर्ण समान पीला आयु ३०लाख वर्ष' दीक्षा वृक्ष पीपल गणधर ५०
निर्वाण आसन खड्गासन निर्वाण
स्थान सम्मेदशिखर, अंतर इस से ४ सागर गए पीछे धर्मनाथ मए ॥
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