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परिशिष्ट
५. पूज्य श्री रामदयालजी महाराज
, लूणकरणजी " रामसुखदासजी "
, ख्यालीरामजी , 8. , मंगलसेनजी ,
, मोतीरामजी ११. , पृथ्वीचन्दजी , और उपाध्याय अमरमुनिजो आदि विद्यमान है।
५. श्री रामचन्द्रजी महाराज की समुदाय श्री रामचन्द्रजी गोसांईजी के शिष्य थे। पू० श्री धर्मदासजी महाराज के धर्मोपदेश से प्रभावित होकर आपने २७ वर्ष की अवस्था मे संवत् १७५४ में धार नगरी मे दीक्षा ग्रहण की। आप बड़े पण्डित और प्रतिभाशाली सन्त थे । सवत् १८०३ मे समाधिपूर्वक आपका स्वर्गवास हो गया । आपकी प्राचार्य परम्परा इस प्रकार है :
or in ur ji s
१. पूज्य श्री धर्मदासजी महाराज
, रामचन्द्रजी , माणकचन्द्रजी ,
जसराजजी पृथ्वीचन्द्रजी
(मायाचन्द्र जी महाराज) " अमरचन्द्रजी
बडे , अमरचन्द्रजी
छोटे केशवजी
मोखमसिंहजी , ,, नन्दलालजी
माधव मुनिजी , " चम्पालालजी ,
वयोवृद्ध श्री ताराचन्द्रजी महाराज श्री किशनलालजी ।
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