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जाना कि जो श्रीकृष्ण ठाकुर जी स्यामवर्ण हुए हैं और १०८एक सौ आठ लक्षण संयुक्त देह महा बल धारी हुए हैं और न्याय नीति रजोगुण तमोगुण सत्वगुण धारी हुए हैं और बड़े दयावान् सन्त सहायक हुए हैं और उन्हों ने दया, दान, सत्य, इत्यादि धर्म वताया है और उनकी अङ्गिना श्रीराधिका जी बड़ी लज्जावती सुशीला पति भक्ता गौर वर्ण हुई है इत्यादि । और दूसरा यकुरद्वारे पहुंचा तो वहां देखता क्या है कि एकस्याम । वर्ण पुरुष और गोर वर्ण स्त्री, की मूर्ति का, जोडा खड़ा हे सो उसको देख कर उस पुरुष ने हंस कर मन में कहा कि आहा ! क्या अच्छी स्त्री पुरुष की जोड़ी सजी है और क्या२ अच्छे जेवर हैं वस और कुछ ज्ञान विराग्य नहीं पाया फिर वापस बाजार में आया