________________
( ३०६ )
संवत १९५१ चैत्र मासे पूज्य पद संवत् १९५८ मगसर सुदि ९मी गुरु वासरे ॥
जो कोई पूर्व पक्षी ऐसा प्रश्न करे ॥ प्रश्न-तुम कितने सूत्र मानते हो जिन के अनुसार तप संयम पालते हो ?
उत्तरम्-हम बादशांग वाणी को मानते हैं, (सो) ११ ग्यारह अङ्ग और बारहवां अङ्ग दृष्टि बाद॥और इसी द्वादशांग को समवायांग सूत्र तथा नन्दी सूत्रादि में "गणिपड़गा” अर्थात् आचार्य की पेटी, कहा है, सो ११ अंग तो वर्तमान अर्थात् अब हैं (सो) १आचारांग, २सुअगडांग, ३ ठाणांग, ४ समवायांग, ५ विवहाप्रज्ञप्ती, ६ ज्ञाता धर्म कथा, ७ उपासगदशा, ८अन्तगड़दशा, ९ अणुत्रोववाईदशा. १० प्रश्न व्याकरण,