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कहने लग गये संवत् १७२० अनुमान में । ७६ ऋषिलव जी । ७७ ऋषि सोमजी । ७८ ऋषि हरिदासजी । ७९ ऋषि बूंदाबन जी। ८० ऋषि भवानिदास जी। ८१ पूज्य मलूकचन्द जी । ८२ पूज्य महासिंह जी संवत १८६१ में संथारा असोज शुदी १५ सीझे कार्तिक वदी १ प्रभात समय १६ दिने ८३।। पूज्य कुशालचंद जी । ८४ ऋषि छजमल जी। ८५ ऋषि रामलाल जी । ८६ पूज्य श्री अमरसिंह जी संवत् १८९८ वैशाख वदी २ दीक्षा ओसवाल जाति अमृतसर के वासी आचार्यपद सं० १९१३ शहर इन्द्रप्रस्थ यानि दिल्ली में । देशान्तर माहैपणे गंद हस्थी की तरह विचरे जिन धर्म दया मार्ग बहुत | प्रकाश्या, महा प्रतापी घणे साधु जन के