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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss) २००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा
कर्ता
क्रमाक
८३७८ कर्मप्रकृतिवृत्तिगतवर्गणाविचारआदि
२ स १४६२ कर्मप्रकृति सटीक २२९ प्रास मू शिवशर्मसूरि
टी मलयगिरिसूरि १६९३२ कर्मप्रकृति सटीक २१२ प्रास मू शिवशर्मसूरि,
टी मलयगिरि १८६७३ कर्मफल विचार
२ गु ६५१५ (१) कर्मवत्रीमी
४ गु समयसुन्दर ९३५३ (१) कर्मबत्रीसी
२ गु १ खरतर राजसमुद्र ७६६५ कर्मबत्रीसीप्रकरण टिप्पणीसहित १ प्रा ९४११ कर्मबलसज्झाय
१ गु वीरविमल १९८७५ कर्म भावना
५ ४०६ ८४१२ कर्मभूमि-देश-खण्डविचारादि १ गु १०२५३ कर्मविपाक
२ गु १३३१३ कर्मविपाक
६१ स १४७८४ कर्मविपाक
१५ व्रज १८०९९ कर्मविपाक
१४ स १८४८३ (१) कर्मविपाक २७८थी २८२ प्राकृत १९७२८ कर्मविपाक
९ प्रा गर्गर्षि १६६१८ (४) कर्मविपाक-कर्मग्रन्थ ।
प्रा गर्गर्षि ४४३४ कर्मविपाक-कर्मस्तव
बन्धस्वामित्व कर्मग्रन्थ १० प्रा देवेन्द्रसूरि ५३८५ कर्मविपाक-कर्मस्तव
बन्धस्वामित्व कर्मग्रन्थ अवचूर्णि किचिदपूर्ण
१२ स ३५८८ कर्मविपाक-कर्मस्तव-बन्ध
स्वामित्व कर्मग्रन्थ सस्तबक १८ प्रा गु मू देवेन्द्रसूरि ४५१० कर्मविपाक-कर्मस्तव-बन्ध
स्वामित्व कर्मग्रन्थ सस्तबक - प्रा गु मू देवेन्द्रसूरि
४५०२ कर्मविपाक-कर्मस्तव-बन्ध
स्वामित्व कर्मग्रन्थावचूर्णि १२ स ४४३८ कर्मविपाक-कर्मस्तव-बन्ध
स्वामित्व षडशीतिकर्म ग्रन्थावचूर्णि
२-२५ स ६९७४ कर्मविपाक-कर्मस्तव कर्मग्रन्थ
मू देवेन्द्रसूरि सस्तबक
१३ प्रागु स्त धनविजय ४४३७ कर्मविपाक-कर्मस्तवकर्मग्रन्थ सावचूरि
३-१८ प्रास मू देवेन्द्रसूरि १९३१९ कर्मविपाक कर्मग्रथ ५ प्रा देवेन्द्रसूरि १९३५० कर्मविपाक कर्मग्रथ ५ प्राकृत देवेन्द्रसूरि ९०१ (१) कर्मविपाककर्मग्रन्थ
१-८ प्रा गर्गर्षि १०६६ कर्मविपाक कर्मग्रन्थ ४ प्रा देवेन्द्रसूरि ३२७८ कर्मविपाक कर्मग्रन्थ ४ प्रा देवेन्द्रसूरि ३३७० कर्मविपाक कर्मग्रन्थ ४ प्रा देवेन्द्रसूरि ३५६४ (९) कर्मविपाककर्मग्रन्थ ९६-१०९ प्रा गर्गर्षि ३५८९ कर्मविपाक कर्मग्रन्थ ५ प्रा मू देवेन्द्रसूरि ३७२४ (१) कर्मविपाक कर्मग्रन्थ १-३ प्रा गर्गर्षि १५६५५ (१) कर्मविपाक कर्मग्रन्थ १ गर्गषि ३७४५ कर्मविपाक कर्मग्रन्थ टिप्पणीसहित
११ प्रा गर्गर्षि १०६९ कर्मविपाक कर्मग्रन्थ प्राचीन ८ प्रा गर्गर्षि १०७० (१) कर्मविपाक कर्मग्रन्थ प्राचीन १-६ प्रा गर्गर्षि ४४३१ (१) कर्मविपाककर्मग्रन्थ प्राचीन त्रुटक
२-४ प्रा गर्गर्षि ६५९६ (१) कर्मविपाककर्मग्रन्थ प्राचीन सटीक
२८ प्रास १मू गर्गर्षि ९२५३ कर्मविपाककर्मग्रन्थविचार
गर्भित आदिजिनस्तवन २ गु कुशलहर्ष