SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 81
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ७१ ] पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper MS)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक १५०९४ उपासकदशाङ्गसूत्र वृत्ति ३० स अभयदेवसूरि १५०९६ उपासकदशाङ्गसूत्र सटीक २९ प्रा स मू सुधर्मास्वामि, टी अभयदेवसूरि १३७ उपासकदशाङ्गसूत्र सटीक त्रिपाठ २८ प्रा स टी अभयदेवाचार्य १५०२९ उपासकदशाङ्गसूत्र सटीक त्रिपाठ २९ प्रास टी अभयदेवसूरि १३६ उपासकदशाङ्गसूत्र सटीक पञ्चपाठ २९ प्रास टी अभयदेवाचार्य ८२४ उपासकदशाङ्गसूत्र सटीक मू सुधर्मस्वामी पञ्चपाठ ४१ प्रास व अभयदेवाचार्य १५०९५ उपासकदशाङ्गसूत्र सटीक मू सुधर्मास्वामि, पञ्चपाठ २६ प्रास टी अभयदेवसूरि १३९ उपासकदशाङ्गसूत्र सस्तबक ४२ प्रागु मू सुधर्मस्वामी १४० उपासकदशाङ्गसूत्र सस्तबक ५२ प्रागु मू सुधर्मस्वामी स्त हरिवल्लभगणि खरतर १३३९१ उपासकदशाङ्गसूत्र सस्तबक ६९ प्रागु १३४५४ उपासकदशाङ्गसूत्र सस्तबक ४५ प्रागु १३६३२ उपासकदशाङ्गसूत्र सस्तबक ५४ प्रागु १३६७४ उपासकदशाङ्गसूत्र सस्तबक ३९ प्रागु १५०९७ उपासकदशाङ्गसूत्र सस्तबक ५४ प्रागु स्त उपा हर्षवल्लभ १५९६० उपास्थापनाविधि अपूर्ण ३ गु २७२३ (२) उमामहेश्वरसवाद अध्याय बे ६-८ स १४०७० उलूककल्प १४०८९ (४) उलूककल्प २ स १४६८२ उल्कापातविचार १ स २९९१ उल्लणदन्तवणआदि गाथा व्याख्या ८ प्रास १६९२४ (४) उल्लासिक्कम स्तोत्र २३८-२४० प्रा जिनवल्लभगणि ३७९८ (२) उवसग्गहर स्तोत्र ५ पा २ भद्रबाहुस्वामी १२१७० (६) उवसम्गहर वृत्तिसहित २५-३० प्रास मू हरिभद्रसूरि, वृ जिनप्रभसूरि १८२५३ (१) उवसग्गहरादि भडारित गाथा ३८ प्रास ५०६४ उष्मभेदनाममाला २ स पण्डित पुरुषोत्तम ३५६१ उसुयारिज अध्ययन ४ प्रा ३३९५ (१) ॐकारनामशतक २ गु ६५१७ ॐकार बावनी गु जिनहर्ष ६५१८ ॐकार बावनी ४ गु जिनहर्ष १२६९० (२) ऊजमणास्तवन १३१८३ ऋग्वेदआश्वलायनशाकल सहिता अध्याय ३३-४० ८४ स ३४५८ ऋग्वेदसहिता अष्टमाष्टक अष्टमाध्याय १८ स ३४५५ ऋग्वेदसहिता अष्टमाष्टक तृ०च० अध्याय ३२ स ३४५६ ऋग्वेदसहिता अष्टमाष्टक फष० अध्याय २४ स ३४५४ ऋग्वेदसहिता अष्टमाष्टक प्रथम-द्वि. अध्याय ३१ स ३४५७ ऋग्वेदसहिता अष्टमाष्टक सप्तमाध्याय १६ स १९७५६ (१) ऋतुचर्या १ स आत्रेय ३८२५ (७) ऋतुवन्तीभास २५-२६ गु १२९७१ (७) ऋतुवन्तीसज्झाय २०मु गु १८९५४ ऋतुसहार काव्य ७ स कवि कालिदास १८५५० ऋतुसहार काव्य सर्ग६ पर्यत ४ सस्कृत कालिदास स
SR No.010180
Book TitleCatalogue of Manuscripts of Patana Jain Bhandara 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Jambuvijay
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year1991
Total Pages561
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy